गेको का नाम हैदराबाद के युवा हेर्पेटोलोजी शोधकर्ता आदित्य श्रीनिवासुलु के नाम पर नेमाप्सिस आदि रखा गया है.
विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र शाखा के शोधकर्ताओं चेमाला श्रीनिवासुलु, जी चेथान एवं भार्गवी श्रीनिवासुलु ने पत्रिका ज़ूटाक्सा में गेको की खोज तथा इसके नाम का विवरण दिया.
गेको
यह गेको छिपकलियों के वर्ग से संबंधित है जिसकी पुतलियां गोलाकार हैं जबकि सामान्य गेको में यह ऊर्ध्वाधर होती हैं.
नेमाप्सिस आदि के शरीर पर मौजूद पृष्ठीय चिन्ह छोटे, समरूप, बारीक एवं वृताकार हैं. इसके उदर स्थल पर 22 से 26 चिन्ह मौजूद हैं.
खोज का महत्व
गेको की खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सामान्यतया गेको की अन्य प्रजातियां प्रायद्वीपीय भारत के पश्चिमी और पूर्वी घाट में पायी जाती हैं. ऐसा पहली बार हुआ है जब गेको प्रजाति को पूर्वी और पश्चिमी घाट के बीच प्रायद्वीपीय भारत के मध्य क्षेत्र में पाया गया.
यह खोज इस ओर भी इंगित करती है कि हम्पी और आसपास के क्षेत्रों में जैव विविधता काफी समृद्ध है तथा नवीन खोजों के लिए इस क्षेत्र में शोध की आवश्यकता है.
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