Friday 24 June 2016

कृत्रिम बुद्धि के खतरे (मुकुल व्यास )

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआइ) अथवा कृत्रिम बुद्धि को लेकर पिछले कुछ समय से तीखी बहस चल रही है। कुछ लोग इसके उज्ज्वल पक्ष को रेखांकित कर रहे हैं, जबकि कुछ अन्य लोग इसके अनियंत्रित होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। बिल गेट्स ने पिछले दिनों अमेरिका में कोड कांफ्रेंस के दौरान कहा कि एआइ के क्षेत्र में अब तक हुई प्रगति को देख कर लगता है कि अगले दस वर्षो में ड्राइविंग और माल गोदामों के संचालन और रखरखाव का कार्य रोबोट करेंगे। हमें एक ऐसा सॉफ्टवेयर मिल सकता है जो हमारे रोजमर्रा के ई-मेल और अन्य पत्रचार का ध्यान रखेगा। गूगल, फेसबुक और एपल ने एआइ की दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। हालांकि लोगों में बुद्धिमान मशीनों को लेकर भय भी बढ़ रहा है। एक नए सर्वे से पता चलता है कि तीन में से एक आदमी को लगता है कि अगली सदी में एआइ कंप्यूटिंग की ताकत बढ़ने से मानवता के समक्ष गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। करीब 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगले 10 वर्षो में रोबोट के हावी होने के बाद बहुत कम नौकरियां बचेंगी, जबकि 27 प्रतिशत का मानना है कि इससे नौकरियों की संख्या में गिरावट आ जाएगी। प्रशासन और सर्विस सेक्टर के कर्मचारियों पर इसका सबसे बुरा असर पड़ेगा। जिन नौकरियों पर सबसे ज्यादा खतरा है उनमें एकाउंटेंट, कानूनी सहायक, अपांयर और रेफरी, वेटर और वेट्रेस तथा फैशन मॉडल शामिल हैं। इन सबके काम रोबोट अथवा स्वचालित मशीनों द्वारा छीने जा सकते हैं। 1 ब्रिटिश साइंस एसोसिएशन द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक करीब एक-चौथाई लोग यह मानते हैं कि रोबोट अगले 11-20 वर्षो में रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन जाएंगे, जबकि 18 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि ऐसा अगले दशक में ही हो जाएगा। सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा लोगों ने रोबोट में भावनाएं डालने या उन्हें अलग व्यक्तित्व देने के विचार का विरोध किया। इसका अर्थ यह हुआ कि फिल्मों में दिखाए जाने वाले लोकप्रिय रोबोट वास्तविक जिंदगी में अलोकप्रिय हो सकते हैं।1जानेमाने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग पहले ही कृत्रिम बुद्धि से युक्त मशीनों के बारे में चिंता व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि ये मशीनें मनुष्य से पालतू जानवर जैसा व्यवहार करेंगी। हॉकिंग ने हाल ही में कहा कि यह लगभग निश्चित है कि अगले 1000 से 10000 वर्षो में एक तकनीकी विपदा मानव जाति के अस्तित्व के लिए खतरा बन जाएगी। इजरायली इतिहासकार और लेखक युवाल नोह हरारी ने एआइ के उदय का और भी भयावह चित्रण किया है। उन्होंने सितंबर में प्रकाशित होने वाले अपने नए उपन्यास होमो डियुस में मानवता के अंधकारमय भविष्य की चर्चा की है। हरारी के अनुसार रोबोट अपनी बढ़ती हुई क्षमताओं से मानव जाति का सफाया नहीं करेंगे, बल्कि उसे एक अनुपयुक्त और निर्रथक वर्ग में परिवर्तित कर देंगे। 1उन्होंने कहा कि एआइ ने कई क्षेत्रों में मनुष्य को पीछे छोड़ दिया है। यदि उसकी प्रगति जारी रही तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हम उसकी बराबरी कर पाएंगे। आज के बच्चों को बड़े होने पर इसके दुष्परिणाम ङोलने पड़ सकते हैं। आज स्कूलों और कॉलेजों में जो पढ़ाया जा रहा है वह 40 -50 की उम्र में पहुंचने पर प्रासंगिक नहीं रहेगा। अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक रोमन यमपोल्स्कीय और उद्यमी फेडरिको पिस्टोनो के मुताबिक एआइ से लैस रोबोट एक दिन धन, जल और जमीन जैसे संसाधनों, स्थानीय और केंद्रीय सरकारों तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकते हैं और अंतत: मानव जाति को अपना गुलाम बना सकते हैं। 1(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)(DJ)

No comments:

Post a Comment