Wednesday 8 June 2016

इस्लामिक विकास बैंक : ब्याज रहित लेन-देन (जाहिद खान )

देश में भी आखिरकार पहले इस्लामिक विकास बैंक की राह प्रशस्त हो गई है। जल्द ही गुजरात में इसकी पहली भारतीय शाखा खुलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी साल अप्रैल में यूएई दौरे के दौरान भारत के एक्जिम बैंक ने इस्लामिक डेवेलपमेंट बैंक यानी आइडीबी के साथ एक समझौता किया था। उसके बाद से ही यह उम्मीद बंध गई थी कि 43 साल पुराने इस बैंक की शाखा जल्द ही भारत में खुलेगी। 1इस्लामिक विकास बैंक सऊदी अरब में स्थित एक बहुपक्षीय विकास के लिए वित्तपोषण करने वाली संस्था है। यह बैंक साल 1973 में ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कांफ्रेंस, जो कि अब इस्लामिक सहयोग संगठन कहलाता है, के वित्त मंत्रियों द्वारा स्थापित किया गया था। बैंक शरिया कानून के मुताबिक काम करता है। इस्लाम में सैद्धांतिक तौर पर सूद लेना हराम माना जाता है। यही वजह है कि इस बैंक में भी जमा राशि और किसी भी तरह के ऋण पर ब्याज या सूद नहीं दिया और नहीं लिया जाता। यानी इन बैंकों में ब्याज शून्य फीसद है। यही इस बैंक की खासियत है। बैंक में जो भी पैसा जमा होता है, उसे वह छोटे कारोबारियों को लोन बांटने और सामाजिक कार्यो में लगाता है। कारोबारी, बैंक से जो भी लोन लेते हैं, बाद में उसका मूल धन ही बैंक को लौटाते हैं। उन्हें इस पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता।
बैंक का मुख्य मकसद मुस्लिम समुदाय की तरक्की के लिए काम करना है। इस्लामिक विकास बैंक 56 इस्लामिक देशों, जो कि उसके सदस्य देश हैं, की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के लिए भी काम करता है। आइडीबी इसके अलावा विभिन्न देशों में एक प्रोजेक्ट चलाकर वक्फ की संपत्तियों को सुधारने और संवारने पर काम करता है। इस्लामिक विकास बैंक की शाखा खुलने के बाद उम्मीद है कि उपेक्षित और बदहाल स्थिति में पड़ी वक्फ की संपत्तियों के दिन सुधरेंगे। दुनिया के दीगर इस्लामिक देशों की तरह भारत में भी इस्लामिक विकास बैंक हो, लंबे समय से इस बात की मांग मुसलमान कर रहे थे। जब केरल सरकार ने राज्य औद्योगिक विकास निगम की मदद से अपने यहां इस्लामिक बैंक खोलने का फैसला किया तो उसके फैसले का कड़ा विरोध किया गया। विरोधियों का कहना था कि केरल सरकार का इस्लामिक बैंक खोलने का फैसला संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है।
इस्लामिक विकास बैंक संयुक्त राष्ट्र संघ के तमाम सहयोगी संगठनों के साथ दुनिया भर में आर्थिक विकास के कार्यक्रम और जरूरतमंद देशों के लिए समय-समय पर मदद मुहैया कराता रहता है। सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे कामों के तहत इस्लामिक विकास बैंक भारत को 350 मेडिकल वैन देगा, जो कि मोबाइल क्लिनिक का भी काम करेंगी। पहले चरण में 30 वैन गुजरात के छोटा उदयपुर, नर्मदा और भरुच के आदिवासी इलाकों को मिलेगी। इसके अलावा आइडीबी ने देश के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के लिए ‘राष्ट्रीय संस्थान कौशल और शिक्षा’ के साथ एक करार किया है।
कुल मिलाकर मोदी सरकार ने देश में इस्लामिक विकास बैंक खोलने का जो बहादुरी भरा फैसला किया है, उसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है। सरकार के इस कदम से भारतीय मुसलमानों को तो फायदा होगा ही, देश में बुनियादी अधिसंरचनाएं और नए उद्योग भी खड़े होंगे। यही नहीं खराब कर्ज प्रक्रिया से लोगों को निजात मिलेगी। ब्याज की दर ऊंची होने की वजह से जो लोग बैंकों से लोन नहीं ले पाते थे, वह भी अब अपने छोटे-छोटे काम धंधों के लिए लोन ले पाएंगे। 1(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)(DJ)

No comments:

Post a Comment