Thursday 12 May 2016

चीन की चाल (डॉ. लक्ष्मी शंकर यादव)

चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत को सामरिक चुनौती देने में लगे हुए हैं। भारत के लद्दाख इलाके में बार-बार घुसपैठ करने वाली चीनी सेना के जवान अब नियंत्रण रेखा (एलओसी) के समीप पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की अग्रिम चौकियों पर दिखाई पड़ने लगे हैं। चीनी सेना की ये गतिविधियां भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही चीनी सेना के अधिकारियों का एक दल पाकिस्तानी सैनिकों के साथ पाक अधिकृत कश्मीर के अग्रिम इलाकों में देखा गया है। 1उल्लेखनीय है कि पाक अधिकृत कश्मीर के इलाकों में चीनी सैनिकों की उपस्थिति 2012 से दिखाई दे रही है, लेकिन शुरुआती दौर में इनकी गतिविधियां केवल गिलगित-बाल्टिस्तान तक ही सीमित थीं। 2014 के बाद चीन ने गुलाम कश्मीर के अन्य इलाकों में भी अपनी गतिविधियों का विस्तार किया। भारत सरकार ने कई बार इसपर ऐतराज जताया है, लेकिन पाकिस्तान और चीन इसे नकारते रहे हैं। इस संबंध में चीन के अधिकारियों का यही तर्क रहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना की निगरानी के लिए इंजीनियरों के साथ अन्य संबंधित स्टाफ ही पाक अधिकृत कश्मीर आ जा रहे हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान होते हुए काराकोरम हाईवे को जोड़ेगा और चीन के शिनजियांग में जाकर खत्म होगा। 1इस आर्थिक गलियारे का उपयोग सामरिक उद्देश्यों के तहत भारत को घेरने के लिए भी किया जाएगा। इस रास्ते के बनने से भारत की पश्चिमी सीमा पर चीनी सेनाओं की गतिविधियां काफी बढ़ जाएंगी जो भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगी। चीन की यह भी कोशिश होगी कि भारत को पश्चिम और मध्य एशिया से काट दिया जाए। सामरिक दृष्टिकोण से मजबूती एवं काराकोरम हाईवे की सुरक्षा के लिए चीनी सैनिक पाक अधिकृत कश्मीर में अपने लिए ढांचा तैयार करने के साथ-साथ तीन सैन्य डिवीजनों का गठन कर रहे हैं जिनमें लगभग 30 हजार चीनी सैनिक होंगे। इन डिवीजनों का स्थायी तौर पर गुलाम कश्मीर में तैनात किया जाएगा। चीन अपने आर्थिक गलियारे के लिए त्रिस्तरीय एवं चार स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराना चाहता है। 1यही नहीं चीनी सैनिकों द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में लीपा घाटी में सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। हवाई पट्टियां एवं फोन लाइनें भी चीन बना रहा है। इसके अतिरिक्त एक सड़क भी तैयार की जा रही है जो ग्वादर बंदरगाह को पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते काराकोरम हाईवे और जियांग को जोड़ेगी। इस तरह चीन पूरे पाक अधिकृत कश्मीर पर अपना आधिपत्य जमा लेगा। शश्गाम वैली एवं अक्साई चिन पहले से ही चीन के पास हैं। पाक अधिकृत कश्मीर के बाद भारत को रणनीतिक लिहाज से चुनौती देने के लिए चीन भारत से लगती हुई सीमा के एक और इलाके तक रेल लाइन बिछाएगा। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के अनुरोध पर चीन दोनों देशों के बीच सामरिक रेल लाइन बिछाने के लिए तैयार हो गया है। समझौते के तहत चीन द्वारा तिब्बती शहर शिगात्से से गिरोंग तक रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। दक्षिण एशिया स्टडीज के निदेशक झाओ गेनचेंग ने कहा कि प्रस्तावित रेल लाइन का निर्माण नेपाल की भारत पर निर्भरता को कम करेगा। निश्चित है कि इस रेल मार्ग से भारत की सामरिक चुनौतियां बढ़ेंगी। 1चीन तिब्बत और शिनङिायांग स्वायत्त क्षेत्र में भारतीय सीमा के दूसरी ओर ढांचागत विकास कर रहा है। चीन की ये रणनीतिक चालें भारत को चुनौती प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त हैं और इनसे भारत को कड़ी चुनौती मिलेगी, क्योंकि वह कश्मीर और नेपाल दोनों ही क्षेत्रों में भारत के नजदीक आ जाएगा। भारत को नई चुनौतियों से मुकाबले के लिए सामरिक रणनीति पर विचार करने की जरूरत है। हमें कूटनीति में परिवर्तन करना होगा। 1(लेखक सैन्य विषय के जानकार हैं)(Dj)

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