Sunday 29 May 2016

चीन के आक्रामक रुख से कई देशों में बेचैनी (यांग सिकी/ तानमेन, मार्क थॉम्पसन/ वाशिंगटन )

दक्षिणचीनसागर में मिसचीफ और नॉर्थ डेंजर नामक चट्‌टानी इलाकों के पास सात फिलीपीनी सैनिकों और सात कुत्तों का दस्ता मूंगे के किनारों वाले रेत के एक टीले की रक्षा के लिए तैनात है। स्प्रेटली द्वीप समूह के इस क्षेत्र को फ्लैट आइलैंड भी कहते हैं। यह इतना छोटा है कि कुछ मिनटों के अंदर पूरा पैदल घूमा जा सकता है। फिलीपीन की नौसेना यहां दो माह में एक बार ताजा पानी, ईंधन और खाने-पीने का सामान भेजती है।
फ्लैट आइलैंड बहुत गर्म, बहुत खारा और इतना छोटा है कि यहां मानव जीवन बेहद कठिन है। रेत के इस टीले पर कांक्रीट की दो चौकियां और एक लकड़ी की एक झोपड़ी है। फिर भी चार देश-चीन, वियतनाम, ताईवान और फिलीपीन इस पर दावा करते हैं। अभी यह फिलीपीन के कब्जे में है। वर्षों से यहां चीनी, वियतनामी या फिलीपीनी मछलीमार नौकाएं नजर आती थीं। लेकिन मई माह की शुरुआत में चीनी कोस्ट गार्ड के जहाजों की गश्त ने स्थिति बदल दी है।
10 मई को अमेरिका का गाइडेड मिसाइलों से लैस विध्वंसक जहाज एक अन्य विवादग्रस्त व्दीप फीयरी क्रॉस रीफ के पास से गुजरा। पहले यहांं केवल दो चट्टानें नजर आती थीं। लेकिन, अब इसे 680 एकड़ जमीन में तब्दील कर दिया गया है। यह चीन द्वारा 2014 के बाद दक्षिण चीन सागर में निर्मित सात बनावटी द्वीपों में से एक है।
दक्षिण चीन सागर विश्व के सामरिक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्रों में है। यहां से हर वर्ष 330 खरब रुपए का व्यापार होता है। दक्षिण चीन सागर में दुनिया के मछली भंडार का दसवां हिस्सा है। उसमें तेल, गैस का अछूता भंडार है। इसलिए आश्चर्य नहीं कि 35 लाख वर्गकिलोमीटर में फैले समुद्री मार्ग के विभिन्न स्थानों पर छह सरकारों-चीन, वियतनाम, फिलीपीन, ताईवान, मलेशिया और ब्रूनेई ने परस्पर विरोधी दावे किए हैं।
दक्षिण चीन सागर में महाशक्तियों के बीच शीत युद्ध जैसे शक्ति परीक्षण की स्थिति बन रही है। अमेरिका यहां जमीन का दावेदार तो नहीं है पर उसका तर्क कि वह समुद्र रास्तों को हर किसी के लिए खुला रखना चाहता है। चीन इस इलाके पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानता है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले दो वर्षों में चीन ने स्प्रेटली के समुद्री क्षेत्र में 3200 एकड़ जमीन में निर्माण किया है।
चीन ने एक अन्य विवादग्रस्त द्वीप पारासेल्स में राडार, मिसाइल तैनात कर दिए हैं। जवाब में अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में हवाई और समुद्री गश्त बढ़ा दी है। चीन नक्शों के जरिये लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। चीन के निर्माण कार्यों ने कई एशियाई देशों को अमेरिका के पास जाने के लिए विवश कर दिया है। फिलीपीन के पूर्व राष्ट्रपति बेनिग्नो एक्विनो ने टाइम को बताया, चीन आपको दबाता है। यदि आप झुके तो वह और अधिक दबाएगा। दूसरी तरफ अमेरिका भी कोई ढील नहीं देना चाहता है। अभी हाल में परमाणु बिजली से चलने वाला विमानवाहक पोत यूएसएस जॉन सी स्टेनिस दक्षिण चीन सागर से गुजरा। उधर, चीन के सैन्य विश्लेषक रिटायर्ड कर्नल लियू मिंगफू का कहना है, अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रीय मसले को ग्लोबल मुद्दा बना दिया है।
चीन ने वियतनामी मछुआरों के प्रति बहुत आक्रामक रवैया अपनाया है। वियतनाम के ली सोन द्वीप पर स्थानीय फिशरमैन एसोसिएशन के प्रमुख नुग्येन क्योक त्रिन्ह ने बताया कि किस तरह चीन की रहस्यमय नौकाओं ने उनकी यूनियन के मछुआरों की नौकाओं पर हमला किया। हम जहां पीढ़ियों से मछली मार रहे हैं, चीन ने हमारे लिए वहां मुश्किल खड़ी कर दी है।
चीन के हैनान द्वीप में तानमेन बंदरगाह पर रंगबिरंगे ट्रालरों के बीच स्टील की विशाल नौकाएं भी खड़ी दिखती हैं। कई नावों में मछली पकड़ने के जाल तक नहीं हैं। तानमेन के लोग इन्हें सैनिक नौकाएं कहते हैं। 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग तानमेन आए थे। उन्होंने दूर समुद्र में हलचल के लिए स्थानीय समुद्री मिलिशिया (सहायक सेना) की प्रशंसा की थी। मिलिशिया में मछुए और पूर्व सैनिक शामिल हैं। br> तानमेन मिलिशिया की नौकाएं उन स्थानों पर दिखीं हैं जहां चीन ने कब्जा कर लिया है। मार्च में 100 चीनी नौकाएं मलेशियाई तट के पास दिखीं। चीनी कोस्ट गार्ड उनकी सुरक्षा कर रहे थे। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है, वह मछलियों के शिकार से जुड़ी सामान्य गतिविधि है। लेकिन, तानमेन में हर कोई इससे सहमत नहीं है। तानमेन के मछुए चेन यिकुआन ने कहा, यह सब राजनीति है। चीन की गतिविधि हर मामले में बढ़ी है। चीनी जहाज पर्यटकों को पारासेल और अन्य द्वीपों पर ले जाते हैं। इसकी तुलना में फिलीपीन की नौसेना हर मामले में कमजोर है। (DB)

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