Monday 4 July 2016

चांद पर स्थायी अड्डा (मुकुल व्यास )

अमेरिका ने अपनी दृष्टि मंगल पर टिका रखी है, लेकिन रूस पहले चांद को फतह करना चाहता है। रूस ने चंद्रमा पर बस्ती निर्मित करने की दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोस्मोस ने पिछले दिनों चंद्रमा की सतह पर 12 अंतरिक्ष यात्रियों को स्थायी रूप से तैनात करने की योजना का खुलासा किया। चंद्रमा पर बनने वाले अड्डे का इस्तेमाल रिसर्च तथा बहुमूल्य धातुओं के खनन के लिए किया जाएगा, लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि इस अड्डे का सैनिक उद्देश्य भी हो सकता है। रूसी अड्डे के प्रारंभिक चरण में दो-चार लोग होंगे। बाद में यह संख्या बढ़ा कर 10-12 कर दी जाएगी। अड्डे की ऊर्जा संबंधी आवश्कताओं को पूरा करने के लिए चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र में एक भूमिगत ऊर्जा स्टेशन बनाया जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियों को रेडिएशन और परमाणु हमलों से बचाने के लिए एक भूमिगत शेल्टर भी निर्मित किया जाएगा। 1रूसी अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा पर अड्डा बनाने के लिए उपयुक्त स्थानों की तलाश के लिए 2024 में चंद्रमा पर एक यान भेजेगी। इसके बाद 2030 में मनुष्यों को रवाना किया जाएगा। इस काम के लिए रूस में लूना 25 लैंडर का निर्माण किया जा रहा है। रूसी एजेंसी अंगारा-ए5वी रॉकेट का भी निर्माण कर रही है, जिसका उपयोग चंद्रमा के अड्डे के लिए हिस्से भेजने के लिए किया जाएगा। रूस को उम्मीद है कि वह अंगारा रॉकेट के छह प्रक्षेपणों के जरिए अपने चंद्र मिशन को पूरा कर लेगा। प्रत्येक प्रक्षेपण के जरिये चंद्रमा पर एक नया मॉड्यूल भेजा जाएगा। इन मॉड्यूलों को जोड़ कर एक बड़ा अड्डा निर्मित कर दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण इसी तरह मॉड्यूलों को जोड़-जोड़ कर किया गया था। चंद्रमा पर संपूर्ण अड्डा बनाने में दस वर्ष से अधिक का समय लग सकता है।
रूस अभी तक चंद्रमा पर मनुष्य नहीं उतार पाया है। साठ के दशक में उसने चंद्रमा पर मनुष्य भेजने की योजनाएं बनाई थी, लेकिन नासा के सफल चंद्र मिशन के बाद ये योजनाएं अधूरी ही रह गईं। साठ और सत्तर के दशकों में अमेरिका के 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद की सतह पर उतर कर चहल कदमी की। 1972 में अपोलो-17 मिशन के बाद मनुष्य ने चांद पर कदम नहीं रखा है। अब चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की रूस की नई कोशिश को चंद्रमा के अन्वेषण के मामले में अमेरिका से आगे निकलने का प्रयास माना जा रहा है। अमेरिका ने पहले मंगल पर मानव मिशन भेजने की अपनी दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन 2012 में उसने चांद के बजाय क्षुद्रग्रह पर मानव मिशन का इरादा जाहिर किया। अमेरिकी वैज्ञानिकों का एक वर्ग अभी भी मंगल से पहले चांद पर मिशन भेजने की पैरवी कर रहा है। 1रूस जहां चंद्रमा पर स्थायी अड्डा बनाने की बात कर रहा है वहीं यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा और पृथ्वी के बीच स्थायी अंतरिक्ष अड्डा बनाने की योजना बना रही है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को काम करते हुए 25 वर्ष हो चुके हैं और अब उसका सक्रिय जीवन लगभग अंत की ओर है। भविष्य में अंतरिक्ष संबंधी अनुसंधान कार्यो के लिए एक नए अड्डे का निर्माण आवश्यक होगा। अंतरिक्ष में एक बिंदु ऐसा है जहां पृथ्वी और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण एक-दूसरे को निष्प्रभावी कर देते हैं। यहां अंतरिक्ष अड्डा बनाना उपयुक्त होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में भावी मिशनों को आगे बढ़ाने के लिए यह एक आदर्श अड्डा साबित हो सकता है। यहां से चंद्रमा का अन्वेषण और वहां के खनिज संसाधनों का दोहन भी आसान हो जाएगा।
(लेखक विज्ञान विषय के जानकार हैं)DJ

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